दोस्तो आपने आज सोशल मीडिया पर एक थेरेपी काफी चर्चा में रहती है जिसका नाम हीजामा है और आम लोगों के बीच हीज़मा थेरेपी के बारे में जानने की काफी उत्सुकता है।
तो हमने अपने पाठको को इसके बारे मे जानकारी के लिए डॉ तारिक़ शैख़ डायरेक्टर सिटी नर्सिंग होम जनरल फिजिशियन व हिजामा एक्सपर्ट डॉ तारिक शेख से बात चीत की जिसमे उन्होनें हमे विस्तार पूर्वक थेरेपी के बारे में बताया आई जानते है विस्तार से।
हीजामा थेरेपी क्या है?
हिजामा थेरेपी ( रक्त मोक्षण) हज़ारों वर्ष पुरानी यूनानी चिकित्सा पद्धति है दुनिया के हर हिस्से में इस पद्धति का प्रयोग किया जाता है इसे पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद ने भी माना है ।इसे अरबी में हिजामा चीनी और अंग्रेज़ी में कपिंग मिस्र में इलाज बिल कर्ण व भारत मे रक्त मोक्षण के नाम से जाना जाता है।इससे जुड़े चिकित्सक कम होने के कारण यह पद्धति ज़्यादा प्रचलित नही है।हाल ही में ओलंपिक तैराक माइकेल फ्लैप्स ने यह थेरेपी ली है।।
कैसे कार्य करती है यह थेरेपी?
थेरेपी शरीर को निरोग बनाये रखने का काम रक्त पर निर्भर रहता है रक्त संचार शरीर के सभी अंगो को स्वस्थ रखता है यह थेरेपी रक्त संचार के अवरोध को खत्म कर सभी अंगो तक पर्याप्त मात्रा में रक्त पहुंचाती है ।इस चिकित्सा के तहत रक्त में मौजूद विषैले पदार्थ मृत कोशिकाओं व अन्य दुषित तत्वो को बाहर निकल कर रोगो से बचाव किया जाता है इससे नए खून का निर्माण होता है और कई बीमारियो को दूर करता है साथ ही मांसपेशियों और ऊतकों पर दबाव पड़ने से इनमे लचीलापन आता है और इसके कार्य मे सुधार आता है
क्या इस थेरेपी को कोई भी चिकित्सक कर सकता है?
थेरेपी के दौरान सावधानी की ज़रूरत होती है इसलिए इ विशेषज्ञों से ही करवाएं ताकि कोई परेशानी न हो।
हीजामा क्या है?
हिजामा एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है खींच कर बाहर निकालना ।।हिजामा कपिंग ड्राई और वेट दो तरह से होता है।
क्या यह पद्धति मान्यता प्राप्त है।?
जी हां या भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है सभी डिग्री प्राप्त चिकित्सक इसे करने के लिए पात्र है ।
क्या ये जोखिम भरा इलाज है?
जी नही बिल्कुल नही ।यदि एक कुशल चिकित्सक इसको करता है तो कोई जोखिम नही है यह बिना दर्द वाली इलाज है जिसमे इंजेक्शन जितना हल्का सा दर्द होता है।
क्या इस थेरेपी से संक्रमण हो सकता है?
बिल्कुल नही इसमें प्रयोग होने वाले कप मेडिकेटेड व डिस्पोजेबल होते है हर मरीज़ को नए कप लगाए जाते है इससे इंफेक्शन नही होता बचाव के लिए हिजामा के बाद एंटीबायोटिक क्रीम का भी इस्तेमाल होता है।
किन रोगों में ये उपयोगी है?
ये लगभग शरीर के हर रोग के लिए उपयोग होता है खास तौर पर सभी प्रकार के दर्द में इसका बहुत अच्छा परिणाम है
जैसे सियाटिका स्लिप डिस्क सर दर्द चर्म रोग गुर्दे ह्रदय फालिज लकवा मिर्गी महिलाओं में इंफेरलिटी माहवारी की समस्या हार्मोन मधुमेह मोटापा थाइरोइड पेट की समस्या चेहरे पर दाने व दाग धब्बें और गंजेपन में भी ये थेरेपी बहुत कारगर है ।
क्या आप समाज को कुछ संदेश देना चाहेंगे?
मैं बस लोगो से इतना कहूंगा कि इस थेरेपी को ज़रूर करवाये और रोगी से निरोगी बने ।और आपको बहुत शुक्रिया।
पाठको की जानकारी के लिए बता दूँ कि डॉ तारिक़ शैख़ डायरेक्टर सिटी नर्सिंग होम जनरल फिजिशियन व हिजामा एक्सपर्ट है और उनकी पत्नी डॉ श्रीमती हुमैरा बानो शैख़ महिला रोग विशेषज्ञ व हिजामा एक्सपर्ट है।
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