दोस्तों आज हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी समस्या भ्रस्टाचार बन चुकी है और ये समस्या हमारे देश को खोखला बना रही है ! आखिर ऐसी कौनसी वजह है कि भ्रष्टाचार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है क्यों नहीं खत्म होता ये भ्रस्टाचार?
तो दोस्तों आज मैं आप लोगों को भ्रष्टाचार से जुड़े कुछ ऐसी बाते साझा करूंगा हो सकता है कि कुछ लोग मेरी बातो से सहमत ना हो और अगर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचती है तो मैं छमा चाहता हूं। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होंगे जो मेरी बातो से जरूर सहमत होंगे। अब मैं आपको बताऊंगा कि क्यों हिन्दोस्तां में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत है?
सबसे बड़े भ्रष्टाचारी तो हम जनता ख़ुद ही है अब इसी बात पर कुछ लोग मुझे गलिया देने लगेंगे कि ये तो जनता को ही भ्रष्टाचारी बता रहा है लेकिन मैं कुछ ऐसी बातों का उल्लेख करूंगा कि आप लोग सहमत भी होंगे और सोचने को भी मजबूर हो जाएंगे मेरे तथ्य निम्नलिखित है।-
1. क्या हमलोग बिजली में चोरी नहीं करते दोस्तों सिर्फ़ 15 से 20 % लोग ऐसे है जो अपनी बिजली का बिल सही समय पर भरते है और जितना वाट बिजली पास कराया है उतनी ही उपयोग करते है लेकिन देश की अधिकतम आबादी आज भी बिजली की चोरी करती है। चाहे वो बिना बिजली विभाग के अनुमति के बिजली उपयोग करना हो या कम अनुमानित लेके जादा वाट बिजली की खपत करना हो। सभी प्रकार की गतिविधि इस लिए भ्रष्टाचार कहलाती है क्योंकि जब भी कोई बिजली विभाग से अधिकारी आता है तो हमलोग तुरन्त तोड़ करने लग जाते है कि साहब कुछ ले दे के खतम करिये। अब साहब को तो मेवा मिल रहा है तो कैसे छोड़े तो वो लेके बात को दबा देते हैं और इनमे नुक्सान तो हमारी सरकार का होता है।
2. अगर हमारा झगड़ा किसी पड़ोसी या किसी और से होगया तो हम लोग जब FIR दर्ज कराने थाने पे जाते हैं तो पुलिस हमसे तरह तरह के सवाल पूछती है अब जादा तर केस में तो बाते खूब बढ़ा चड़ा के लिखी जाती है जैसे अगर पड़ोसी से सिर्फ तू तू मैं मैं हुई तो भी हम FIR मे लिखवाते कि हमे जातिसूचक गाली दी और मुझे मारा और जान से मारने की धमकी दी है। तो भाई झूट तो झूट होता है अब पुलिस चार सवाल पूछी तो हम कहते है साहब कितना लेंगे और मामला लेने देने के बाद तय होता है कि साहब उसको सिर्फ घर जाके गाली दे दीजिए और थाने लाके चार लाठी मार के समझा के छोड़ दीजिए अब उसको ये नहीं पता होता कि दूसरी पार्टी भी तो हमारी तरह ही है वो भी एक पुलिस से समझौता करके एक क्रॉस FIR दर्ज करा लेती है अब पुलिस दोनों तरफ से मालायी खाने के बाद दोनों को गाली देके थाने बुलाती है और सुलह करने को कहती है अगर सुलह हो गयी तो ठीक वर्ना दोनों का चालान कर देती है अब जाके लड़ो 20 साल केस।
3 अब शुरु होता है हिन्दोस्तां का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार ये भी भ्रष्टाचार हम ही करते है।
चुनाव के मौसम मे शुरु होता है ये भ्रष्टाचार जब नेता जी लोग अपना दौरा शुरू करते है खूब बयान बाजी होती अब चुनाव कोई भी हो चाहे पंचायत चुनाव, मूंसिपलटी का हो या विधानसभा और लोकसभा में हो हमे तो पैसा चाहिए वोट के बदले यहा हम अपने वोटो की कीमत लगाना शुरू करते है जगह और चुनाव के हिसाब से वोटो की कीमत तय होती है। 200₹ से लेकर 5000₹ तक एक वोट की कीमत तय होती है। फिर हम चुनाव से 1 दिन पहले अपने वोट को बेच देते है फिर हमारे चुने हुए नेता जी विधानसभा लोकसभा में जाने के बाद राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, और राज्यसभा चुनावों में ये लोग अपना वोट करोड़ो में बेचते है।
4 गाड़ी के इंश्योरेंस की बात हो या हेल्मेट ना लगाने पर चालान की या किसी भी विभाग में कोई भी काम हो घुस की पेशकश तो हम ही करते है तो भ्रष्टाचार रुके कैसे आख़िर भ्रष्टाचार के गुरू तो हम ही है !
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